1.

‘मैं बेकरार हूँ आवाज में असर के लिए’ – पंक्ति का मर्म स्पष्ट कीजिए।

Answer»

जनता की आवाज में बड़ी ताकत होती है। जब आम लोग संगठित होकर अपनी आवाज बुलंद करते हैं, तब बड़े-बड़े लोगों के होश उड़ जाते हैं। लोगों के विरोध और विद्रोह से सिंहासन उलट जाते हैं। परंतु यह तभी संभव है जब लोगों में एकता, भरपूर आत्मविश्वास और बलिदान की भावना हो। इनके बिना लोगों की आवाज में आवश्यक प्रभाव नहीं आ सकता। कवि जनता की आवाज को प्रभावशाली बनाने के लिए भरसक कोशिश कर रहा है।



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