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मेहनत करने वालों की की मंज़िल कैसी है?इंसान चाहे तो क्या कर सकता है?'गैरों' के लिए हमने क्या किया है?कवि ने अब किसके लिए काम करने की सलाह?​

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ANSWER:

इस गीत की किन पंक्तियों को तुम आप अपने आसपास की जिंदगी में घटते हुए देख सकते हो?

उत्तर-

इस गीत की निम्नलिखित पंक्तियों को हम अपने आसपास की जिंदगी में घटते हुए देख सकते हैं-

साथी हाथ बढ़ाना

एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना।

साथी हाथ बढ़ाना।

हम मेहनतवालों ने जब भी मिलकर कदम बढ़ाया।

सागर ने रस्ता छोड़ा, परबत ने सीस झुकाया,

फ़ौलादी हैं सीने अपने, फ़ौलादी हैं बाँहें।

हम चाहें तो चट्टानों में पैदा कर दें राहें।



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