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मेरे जीवन की अविस्मरणीय घटना पर निबंध लिखिए : |
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Answer» जीवन में कुछ घटनाएँ ऐसी घटती है कि हम जीवन भर उसे भूला नहीं पाते। यह अविस्मरणीय होती है। एक ऐसी ही घटना मेरे जीवन में भी घटी थी जो मुझे अक्सर याद आती है। तब मैं बहुत रोमांचित हो उठता हूँ। यह उस समय की बात है जब मैं दिल्ली से बेंगलूरु नहीं आया था। एक बार हमारे स्कूल में प्रवास का कार्यक्रम बनाया गया। हमारे स्कूल के दसवीं कक्षा के सभी छात्र इसके लिए तैयार हो गए। यह कार्यक्रम एक नहर के किनारे बनाया गया था। हम सभी प्रातः वहाँ पहुँच गए। हमारे अध्यापक भी हमारे साथ थे। हम सभी घर से खाना लेकर पहुँचे थे। हमारे कक्षा अध्यापक ने सभी छात्रों को सख्त हिदायत दी थी कि कोई भी बिना बताए इधर – उधर नहीं जाएगा। हमनें क्रिकेट खेला। कुछ छात्र जिन्हें क्रिकेट में रुचि नहीं थी वे आसपास ही टहलने लगे। बहुत ही सुन्दर दृश्य था। लड़कियां अंताक्षरी खेल रही थी। खेलकूद के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। छात्र एवं छात्राओं ने नृत्य प्रस्तुति दी। ♦ कविता – पाठ भी हुआ। दोपहर हो चुकी थी। तभी अध्यापकों का ध्यान कुछ छात्रों पर गया। वे वहाँ उपस्थित नहीं थे। सबको बहुत चिन्ता हुयी। अध्यापकों ने कुछ छात्रों की टोलियां बनाकर स्वयं भी उन्हें खोजने निकले। मैं भी एक समूह में था। हम नहर के आसपास उन्हें ढूँढ़ने लगे। तभी हमें कुछ लोगों के चिल्लाने की आवाज आईं। बचाओं! बचाओं! हमने देखा कि हमारे कुछ साथी पानी में थे। एक छात्र था जिसे तैरना नहीं आता था। वह डूब रहा था। कोई भी आगे बढ़कर बचाने की हिम्मत नहीं कर पा रहा था। वह गहरे पानी की तरफ चला गया था। उसे असहाय स्थिति में देख मैंने आव देखा न ताव पानी में कूद पड़ा। मुझे तैराकी आती थी। मैं तैरते हुए उसके पास पहुँचा। मैंने उसे कसकर पकड़ा और तैरते हुए उसे वापस किनारे की ओर खींचने लगा। तब तक हमारे अध्यापक और बाकी छात्र भी वहाँ पहुँच चुके थे। वे मेरा हौसला बढ़ाने लगे। मैं उस छात्र को किनारे पर ले आया। उसके पेट में पानी भर चुका था। उसे निकाला। किस्मत से वह बच गया। अध्यापकों ने मेरी तुरंत बुद्धि की काफी तारीफ की। सबकी साँस में साँस आई। मुझे खुशी थी कि मैंने अपनी ही कक्षा के एक सहपाठी की जान बचाई। अगले दिन समाचार पत्रों में मेरे साहस के बारे में खबर छपी थी। हमारे प्राचार्य ने वार्षिक समारोह में मुझे पारितोषिक देकर पुरस्कृत किया। मैं अपने जीवन की इस अविस्मरणीय घटना को कभी भूल नहीं सकता। |
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