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मेरो मन अनत कहाँ सुख पावे। जैसे उड़ी जहाज को पंछी पुनि जहाज पे आवे॥Konsa ras hai ?? |
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Answer» मेरो मन अनत कहाँ सुख पावे। जैसे उड़ी जहाज को पंछी पुनि जहाज पे आवे॥ प्रश्न में दी गई पंक्ति में शांत रस है| मेरो मन अनत कहां सचु पावै कविता सूरदास द्वारा लिखी गई है| कवि ने कृष्ण की भक्ति करने का वर्णन किया गया है| शान्त रस संसार से वैराग्य होने पर, परमात्मा के वास्तविक रूप का ज्ञान होता है और मन को जो शान्ति मिलती है वहाँ शान्त रस कि उत्पत्ति होती है जहाँ न दुःख होता है, न द्वेष होता है मन सांसारिक कार्यों से मुक्त हो जाता है मनुष्य वैराग्य प्राप्त कर लेता है शान्त रस कहा जाता है| ▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬ ▬▬ ▬▬ संबंधित कुछ अन्य प्रश्न...► |
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