1.

महारानी लक्ष्मीबाई वीरता की प्रतिमूर्ति है। स्पष्ट कीजिए।

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शीर्षक का नाम : “स्वराज्य की नींव”
कवि का नाम : “विष्णु प्रभाकर” * लक्ष्मीबाई बडी वीरांगना है।

  • उसने यह साबित किया कि अबला हमेशा अबला नहीं रहती। आवश्यकता पड़ने पर वह सबला भी बन सकती है।
  • उसने झाँसी की स्वतंत्रता तथा स्वराज्य के लिए अंग्रेज़ी सरकार का बड़ी वीरता के साथ सामना
  • किया। उसने झाँसी, कालपी और ग्वालियर के लिए युद्ध किया।
  • वह नूपुरों की झंकार के स्थान पर तोपों का गर्जन सुनना चाहती थी।
  • अबला होने पर तलवार हाथ में लेकर युद्ध करती रही।
  • लक्ष्मीबाई सेवा, बलिदान और तपस्या की देवी है।
  • रण – भूमि में अपनी जान की बलि देकर स्वतंत्रता की सच्ची आधारशिला बनी।
  • स्वराज्य को प्राप्त करने के लिए अपनी बलि देकर भी आनेवाली पीढ़ी के लिए मार्ग दिखाना और प्रेरणा देना ही उसका मुख्य लक्ष्य रहा।
  • इसलिए हम कह सकते हैं कि महारानी लक्ष्मीबाई वीरता की प्रतिमूर्ति है।


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