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Answer» शीर्षक का नाम : “स्वराज्य की नींव” कवि का नाम : “विष्णु प्रभाकर” * लक्ष्मीबाई बडी वीरांगना है। - उसने यह साबित किया कि अबला हमेशा अबला नहीं रहती। आवश्यकता पड़ने पर वह सबला भी बन सकती है।
- उसने झाँसी की स्वतंत्रता तथा स्वराज्य के लिए अंग्रेज़ी सरकार का बड़ी वीरता के साथ सामना
- किया। उसने झाँसी, कालपी और ग्वालियर के लिए युद्ध किया।
- वह नूपुरों की झंकार के स्थान पर तोपों का गर्जन सुनना चाहती थी।
- अबला होने पर तलवार हाथ में लेकर युद्ध करती रही।
- लक्ष्मीबाई सेवा, बलिदान और तपस्या की देवी है।
- रण – भूमि में अपनी जान की बलि देकर स्वतंत्रता की सच्ची आधारशिला बनी।
- स्वराज्य को प्राप्त करने के लिए अपनी बलि देकर भी आनेवाली पीढ़ी के लिए मार्ग दिखाना और प्रेरणा देना ही उसका मुख्य लक्ष्य रहा।
- इसलिए हम कह सकते हैं कि महारानी लक्ष्मीबाई वीरता की प्रतिमूर्ति है।
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