1.

‘महंतों और मठाधीशों का लोभ बढ़ाने में लोगों की गहन धार्मिक आस्था का भी हाथ होता है।’ ‘हरिहर काका’ पाठ के आलोक में अपने विचार लिखिए।

Answer»

लोगों की धार्मिक आस्था ज्यों-ज्यों बढ़ती है, त्यों-त्यों वे अपने हर अच्छे कार्य का श्रेय धर्म और देवालयों में विराजमान अपने आराध्य को देने लगते हैं। वे यह भूल जाते हैं कि ऐसा उनके परिश्रम के कारण हुआ है। अपनी खुशी की अभिव्यक्ति एवं अपने आराध्य के प्रति वे कृतज्ञता प्रकट करने के लिए धन, रुपये, जेवर आदि अर्पित करते हैं। उनकी इस भावना का अनुचित लाभ वहाँ उपस्थित महंत और मठाधीश उठाते हैं और धर्म का भय तथा स्वर्गलोक का मोह दिखाकर लोगों को उकसाते हैं कि वे अधिकाधिक चढ़ावा चढ़ाएँ जो प्रत्यक्ष और परोक्ष दोनों ही रूपों में उनकी स्वार्थपूर्ति, लोभ, लिप्सा एवं उदरपूर्ति का साधन बनता है। ठाकुरबारी में ज्यों-ज्यों चढ़ावा आता है त्यों-त्यों वहाँ के महंत, पुजारी एवं अन्य साधुओं का लोभ इस तरह बढ़ जाता है कि वे साधुता ही नहीं मानवता को छोड़कर हैवानियत पर उतर आते हैं। वे हरिहर काका की जमीन हड़पने के लिए मानवता को कलंकित करने से भी बाज नहीं आते हैं। इस तरह निस्संदेह मनुष्य की गहन धार्मिक भावना महंतों और मठाधीशों में लोभ, लालच और स्वार्थपरता पैदा करती है।



Discussion

No Comment Found

Related InterviewSolutions