1.

मनोवैज्ञानिक प्रदत्तों के स्वरूप को व्याख्या कीजिए।

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ANSWER:

वैज्ञानिक जाँच के निम्नलिखित लक्ष्य हैं:

• वर्णन: मनोवैज्ञानिक अध्ययन में हम व्यवहार अथवा किसी घटना का यथासंभव सही-सही वर्णन करते हैं जिससे किसी व्यवहार विशेष को अन्य व्यवहारों से अलग करने में सहायता मिलती है|

• पूर्वकथन: वैज्ञानिक जाँच का दूसरा लक्ष्य व्यवहार का पूर्वकथन है| यदि आप व्यवहार को सही-सही समझने तथा वर्णन करने में सक्षम हैं तो आप एक व्यवहार विशेष के अन्य व्यवहारों, घटनाओं, अथवा गोचरों से संबंध को सरलतापूर्वक जान सकते हैं| ऐसी स्थिति में इस बात की भविष्यवाणी की जा सकती है कि कतिपय दशाओं में कुछ त्रुटियों के साथ वह व्यवहार विशेष घटित हो सकता है| पूर्वकथन प्रेक्षण किए गए व्यक्तियों की संख्या में वृद्धि होने पर अधिक सही होता है|

• व्याख्या: मनोवैज्ञानिक जाँच का तीसरा लक्ष्य व्यवहार के कारणों की अथवा उसके निर्धारकों की जानकारी प्राप्त करना है तथा वे कौन सी दशाएँ हैं जिनमें व्यवहार विशेष घटित नहीं होता है|

• नियंत्रण: यदि एक व्यक्ति व्यवहार विशेष के घटित होने की व्याख्या कर लेता है तो वह उक्त व्यवहार की पूर्ववर्ती दशाओं में परिवर्तन करके उसको नियंत्रित कर सकता है| नियंत्रण तीन बातों से संबंधित होता है: किसी व्यवहार विशेष को घटित करना, उसे कम करना अथवा बढ़ाना|

• अनुप्रयोग: वैज्ञानिक जाँच का अंतिम लक्ष्य किसी विशेष व्यवहार के प्रयोग के द्वारा लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाना है|



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