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मोहन की स्कूल शिक्षा कैसी हुई

Answer» मोहन की स्कूली शिक्षा कठिनाइयों से भरी हुई थी। मोहन एक मेधावी और कुशाग्र बुद्धि का छात्र था। वह गायन कला में भी निपुण था और अपने विद्यालय का सबसे अधिक बुद्धिमान छात्र था। मास्टर त्रिलोक सिंह ने तो उस के विषय में भविष्यवाणी कर रखी थी कि वह एक दिन बड़ा आदमी बनेगा। वह सभी शिक्षकों का चहेता शिष्य था और उसे पूरे विद्यालय का मॉनीटर भी बनाया गया था। बाद में उसे छात्रवृत्ति मिली और उसे गाँव से 4 मील दूर स्कूल में जाना पड़ता था, जहां आने जाने में वो बहुत थक जाता था, इस कारण एक बार दुर्घटना होने पर उसके पिता ने उसका विद्यालय छुड़वा दिया और वह घर पर बैठ गया। बाद में बिरादरी का एक व्यक्ति रमेश, जो कि लखनऊ से आया था, वह मोहन को अपने साथ लखनऊ ले गया। इस तरह मोहन की आरंभिक शिक्षा कठिनाइयों से पूरी हुई और उसकी बाद की शिक्षा भी लखनऊ में उसकी आशा के अनुरूप नहीं हो पाई। वो केवल आठवीं कक्षा तक ही अपनी पढ़ाई कर पाया।


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