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Mowgli ko jangal me chaddi dene kon gya tha

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हमारे खास रिपोर्टर श्री जंगलपानी कुमार, जोकि भारत के जंगलों की गति विधिओं पर अपनी पैनी नज़र रखते हैं, ने जंगल से यह खास रिपोर्ट को भेजा है.

उनके मुताबिक बाबा रामदेव ही बचपन में जंगल बुक के मोगली थे. यही कारण है की बाबा रामदेव को जंगल की जड़ी बूटियों के बारे में इतनी जानकारी है. गौर फरमाए – “जंगल जंगल बात चली है, PATA (ANJALI ) चला है, चड्डी पहन के फूल खिला है, फूल खिला है”.

सो, बाबा रामदेव की पतंजलि का आधार और कनेक्शन भी जंगल से ही है.

चड्डी, बाल और शारीरिक लचक बाबा रामदेव को बचपन में मोगली के रूप ही मिल गए थे.

अपनी रिपोर्ट में श्री जंगलपानी आगे बताते हैं की किस तरह से मोगली और बाबा रामदेव की लाल चड्डियों में भी समानता है. यहाँ तक की दोनों के खुले बालों को अगर ध्यान से देखेंगे तो उसमे भी आपको काफी समानता नज़र आएगी (फोटो देखिये).

बाबा रामदेव योगा के सभी आसान करने में काफी निपुण है. यह निपुणता उनमे बचपन के जंगल में बीते हुए जीवन काल से ही मिल गयी थी. याद करिये जंगल बुक का मोगली – कैसे वो भी एक पेड़ से दूसरे पेड़ और एक जगह से दूसरी जगह, छलांगे लगा कर और कूदा फांदी करके पहुँच जाता था.

बचपन में मोगली के रूप में जंगल में रहते हुए ही बाबा रामदेव को जंगल के पेड़ पौधों और जड़ी बूटियों के बारे में इतनी जानकारी हो गयी थी की उन्होंने इन सबको इस्तेमाल करते हुए कई आयुर्वेदिक और हर्बल उत्पाद बनाए और पतंजलि के द्वारा इनको बेचा. बताया जाता है की बघीरा और बल्लू ने ही बाबा रामदेव को इन सब चीजों के बारे में बताया था.



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