InterviewSolution
Saved Bookmarks
| 1. |
‘मुक्ति कौन की दासी’ इस कथन द्वारा गोपियों ने उद्धव पर क्या व्यंग्य किया है? स्पष्ट कीजिए। |
|
Answer» उत्तर: उद्धव ने बार-बार गोपियों को यह समझाने की चेष्टा की कि योग साधना से उनकी मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होगा। पर गोपियों ने उन पर पलटवार करते हुए व्यंग्य किया कि उद्धव तनिक यह बताइए कि जो निर्गुण परब्रह्म वेद अध्ययन और मुनियों के ज्ञान से भी परे है उसे घोष निवासी (ग्वालों की बस्ती का निवासी) बनने की क्या आवश्यकता आ पड़ी? गोपियों का आशय यही है कि प्रेम और भक्ति के वशीभूत होकर ही ईश्वर को श्रीकृष्ण के रूप में ब्रज में आना पड़ा। प्रेमी भक्तों के लिए मुक्ति दासी के समान सामने खड़ी रहती है। उन्हें मुक्ति के लिए प्रयास नहीं करना पड़ता। :)) |
|