InterviewSolution
| 1. |
मूततान की परिक्षा लांत इनकी परिभाषा लताहरणउनी भीFazy Ocines |
|
Answer» विभिन्न बिंदुओं से किसी वस्तु की ओर देखने पर जो कोणीय विचलन (angular SHIFT) प्रतीत होता है, उसे लंबन (Parallax) कहते हैं और इन बिंदुओं को मिलानेवाली आधार रेखा उस दूरस्थ वस्तु पर जो कोण बनाती है, उससे लंबन का निरूपण होता है। आधार रेखा जितनी ही बड़ी होगी (अर्थात् प्रेक्षण के बिंदु जितने ही दूर होंगे) वस्तु पर कोण उतना ही बड़ा होगा और परिणाम में यथार्थता की संभावना भी उतनी ही होगी। लंबन, मापन ज्यामिति की एक सरल समस्या है, जिसका सर्वेक्षण में व्यापक उपयोग होता है। स्थलीय वस्तुओं की दूरी का अत्यंत यथार्थ मापन हो सकता है, किंतु इसी सिद्धांत की प्रयुक्ति खगोलीय वस्तुओं पर करने पर वस्तुओं की दूरी मापने की समस्या जटिल हो जाती है। चंद्र और ग्रहों के संदर्भ में निर्देश के तौर पर जिस आधार रेखा को प्रयुक्त किया जाता है, उसे पृथ्वी के व्यास से निरूपित करते हैं, जो मानक मापनों के लिए प्राय: विषुवत् व्यास होता है। किंतु तारों का लंबन (नाक्षत्र लंबन) मापने के लिए इतनी लंबी आधार रेखा भी पर्याप्त उपयोगी नहीं ठहरती। एतदर्थ सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की कक्षा को आधार रेखा बनाते हैं, जो पर्याप्त लंबी होती है। पृथ्वी की कक्षा का व्यास मापने के लिए, छह महीने के अंतराल में, किसी तारे का प्रतीत कोणीय विस्थापन (angular DISPLACEMENT) मापते हैं और वास्तविक निजी गति की शुद्धि के लिए पुन: दस महीने बाद दूसरा पठन लेते हैं। please MARK this answer as brainliest and give me THANKS for answering. |
|