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नौकरी में ओहदे की ओर ध्यान मत देना, यह तो पीर की मज़ार है। निगाह चढ़ावे और चादर पर रखनी चाहिए। |
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Answer» hi buddy here is your answer Explanation: न्याय और नीति सब लक्ष्मी के ही खिलौने हैं, इन्हें वह जैसे चाहती हैं वैसे ही नचाती हैं। लेटे ही लेटे गर्व से बोले—चलो आते हैं। यह कहकर hope it will HELP you |
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