InterviewSolution
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ने पटीकातः प्रत्ययमुक्त - शब्दान मिला लेषां प्रकृति . प्रभागकुक्षताविश्नाग कुताट्रकृम आन तुम्पूतनागनदवा पीलवा मप्रम् प्राप्यनीतादाम दृम्वा |
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Answer» कहानी हमें वाल्मिकी द्वारा रचित ‘रामायण’ में मिलती है. जिसमें एक ब्राह्मण द्वारा यातना देने पर एक स्वान (कुत्ता) श्रीराम से न्याय की याचना करता है. एक पौराणिक कहानी के अनुसार श्रीरामचन्द्र वनवास के बाद अयोध्या लौटे तो खूब धूम-धाम से उनका राजतिलक हुआ. बड़े सम्मान के साथ उन्हें अयोध्या का राजा बनाया गया. राजगद्दी पर बैठने के बाद उन्होंने लक्ष्मण जी को आदेश दिया हुआ था कि भोजन करने से पहले देखो हमारे द्वार पर कोई भूखा तो नहीं है. एक दिन की बात है लक्ष्मण जी ने श्रीरामचन्द्र से कहा, ‘मैं अभी आवाज लगाकर आया हूं, कोई भी भूखा नहीं है’ऐसी ही कहानी हमें वाल्मिकी द्वारा रचित ‘रामायण’ में मिलती है. जिसमें एक ब्राह्मण द्वारा यातना देने पर एक स्वान (कुत्ता) श्रीराम से न्याय की याचना करता है. एक पौराणिक कहानी के अनुसार श्रीरामचन्द्र वनवास के बाद अयोध्या लौटे तो खूब धूम-धाम से उनका राजतिलक हुआ. बड़े सम्मान के साथ उन्हें अयोध्या का राजा बनाया गया. राजगद्दी पर बैठने के बाद उन्होंने लक्ष्मण जी को आदेश दिया हुआ था कि भोजन करने से पहले देखो हमारे द्वार पर कोई भूखा तो नहीं है. एक दिन की बात है लक्ष्मण जी ने श्रीरामचन्द्र से कहा, ‘मैं अभी आवाज लगाकर आया हूं, कोई भी भूखा नहीं है’ |
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