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Answer» भूमिका : दीवाली हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार है। मेरा प्रिय त्यौहार दीवाली है। बच्चे-बूढ़े, स्त्री-पुरुष, धनिकगरीब सबके लिए यह प्रिय त्यौहार है। यह पर्व आश्विन अमावस्या को मनाया जाता है। दीवाली का अर्थ होता है दीपों की पंक्ति। यह वास्तव में पाँच त्यौहारों का समूह – रूप है। विषय : नरक चतुर्दशी के बारे में एक कथा प्रचलित है। प्राचीन काल में नरकासुर नामक एक राक्षस रहता था। वह बडा दुष्ट था। वह लोगों को बहुत सताता था। लोगों में त्राहि-त्राहि मच गयी। लोगों की प्रार्थना सुनकर भगवान श्री कृष्ण ने सत्यभामा के साथ नरकासुर पर आक्रमण किया। सत्यभामा ने नरकासुर को मार डाला। इस पर लोगों ने दीप जलाकर अपनी खुशियाँ प्रकट की। विश्लेषण : दीवाली के संबंध में अनेक कथाएँ हैं। एक कथा इस प्रकार है – “रावण-वध के बाद जब राम अयोध्या लौटे तो पुरजनों ने उनके स्वागत में दीवाली का आयोजन किया”। यह बड़ा आनंददायक पर्व है। दीवाली के दिन लोग तडकें उठते हैं। अभ्यंगन स्नान करके नये कपडे पहनते हैं। शाम को दीपों की पूजा और लक्ष्मी की पूजा करते हैं। बच्चे पटाखें, फुलझडियाँ आदि जलाते हैं। लोग मिठाइयाँ खाते हैं। मारवाडी लोग इस दिन से नये साल का आरंभ मानते हैं। हिन्दु लोग लक्ष्मी की पूजा करते हैं। सभी मंदिर जाते हैं। खासकर व्यापारी लोग अपने पुराने हिसाब ठीक करके नये हिसाब शुरू करते हैं। यह खासकर हिन्दुओं का त्यौहार है। सफ़ाई का त्यौहार है। अन्धकार पर प्रकाश और पाप पर पुण्य की विजय साधना का त्यौहार है। उपसंहार : यह त्यौहार भारत भर में मनाया जाता है। खासकर यह बच्चों का त्यौहार है। बच्चों के आनंद का ठिकाना नहीं होता है। दीवाली के दिन सर्वत्र प्रसन्नता ही प्रसन्नता दिखाई देती है।
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