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Answer» प्रस्तावना : संस्कृति का अर्थ है नागरिकता या संस्कार किसी भी देश के आचार-विचार, रीति-रिवाज़, वेशभूषा, ललितकलाएँ, सामाजिक, धार्मिक, नैतिक विषयों का सम्मिलित रूप ही संस्कृति कहलाती है। संस्कृति का संबंध भूत, वर्तमान और भविष्य से होता है। विषय विश्लेषण : हर एक देश के लिए संस्कृति का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान होता है। भारतीय संस्कृति केवल आर्य या हिन्दू संस्कृति ही नहीं। वह महान संस्कृति है। हमारे भारत में अनेक धर्म और अनेक भाषाएँ हैं। अनेक देशों से आकर बसे हुए लोग हैं। वे अनेक प्रकार के लोग हैं। किन्तु भारतीय संस्कृति में एक बहुत बडी चीज़ है, जो अन्य देशों में बहुत कम पायी जाती है। भारतीय संस्कृति समन्वयात्मक है। वह सारे भारत की एक ही है। अखंड है। अविभाज्य है। इसमें विशाल धर्म-कुटुंब बनाने की क्षमता है। सूफ़ीमत, कबीर पंथ, ब्रह्मसमाज तथा आगरबानी संप्रदाय में भारत की संस्कृति का समन्वयात्मक रूप देख सकते हैं। अनेक संस्कृतियों को आत्मसात करने से भारतीय संस्कृति सबसे आगे है। यह बडी उदार संस्कृति है। अनेक संस्कृतियों को अपने में मिला लिया। मानवता का अन्तिम कल्याण ही भारतीय संस्कृति का आदर्श है। भिन्नत्व में एकत्व भारतीय संस्कृति की सबसे बड़ी विशेषता है। उपसंहार : भारतीय संस्कृति महान है। इससे ही दुनिया में शांति की स्थापना हो सकती है।
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