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निबंध लेखन :विद्यार्थी जीवन

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प्रस्तावना :
विद्यार्थी का अर्थ है विद्या सीखनेवाला। इसलिए विद्यार्थी अवस्था में विद्या सीखते जीवन बिताना या । ज्ञानार्जन करना उसका परम कर्तव्य है। उत्तम विद्यार्थी ही आदर्श विद्यार्थी कहलाता है।

विषय विश्लेषण :
जो बालक विद्या का आर्जन करता है उसे विद्यार्थी कहते हैं। हर विद्यार्थी को महान व्यक्तियों से अच्छी बातों को सीखना चाहिये। तब वह आदर्श विद्यार्थी बन सकता है। आदर्श विद्यार्थी को अपने हृदय में सेवा का भाव रखना चाहिए। उसको अच्छे गुणों को लेना चाहिए। उसको विनम्र और आज्ञाकारी बनना चाहिये। उसे शांत चित्त से अपने गुरु के उपदेशों को सुनना चाहिये। उसको स्वावलंबी बनना चाहिये। उसको अपने कर्तव्य को निभाना चाहिये। उसको समाज और देश का उपकार करना चाहिये। उसको महापुरुषों की जीवनियों से प्रेरणा लेनी चाहिये। उसको समय का सदुपयोग करना चाहिये। आदर्श विद्यार्थी को सदाचारी बनना चाहिये।

उपसंहार :
विद्यार्थी दुष्ट लोगों को पकड़ने में सरकार की सहायता कर सकते हैं। भारत स्काउट, जूनियर रेडक्रास आदि संस्थाओं में वे भाग ले सकते हैं। उनका धर्म है कि वे हमेशा मानव की सेवा करते रहे। अपने देश की सच्ची सेवा भी करनी है। मानव जीवन में विद्यार्थी जीवन ही अत्यंत महत्तर और आनंददायक जीवन है। अच्छी पुस्तकें पढनी चाहिए, जिससे चरित्रवान बन सकते हैं। आज का आदर्श विद्यार्थी ही कल का आदर्श नेता, अच्छा नागरिक बन जाता है। इस कारण देश और समाज के लिए आदर्श विद्यार्थियों की अत्यंत आवश्यकता है। हर एक विद्यार्थी को आदर्श विद्यार्थी बनने की आवश्यकता है।



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