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निबंध लेखन :विद्यार्थी जीवन में नैतिक शिक्षा |
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Answer» आजकल समाज में जहाँ देखो वहाँ नैतिक मूल्यों का पतन हो रहा है। देश के हर क्षेत्र में अर्थात् राजनीतिक, धार्मिक, सामाजिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी, अन्याय, अत्याचार, आदि दिखायी दे रहे हैं। इन सबका एक मात्र कारण है नैतिक मूल्यों का पतन एवं ह्रास। प्राचीन ज़माने में पाठशाला शिक्षा में विद्यार्थियों के लिए नैतिक शिक्षा प्रदान की जाती थी, लेकिन आजकल विद्यार्थियों के लिए नैतिक शिक्षा का अभाव है। केवल यांत्रिक रूप से शिक्षा दी जा रही है। आजकल शिक्षा का उद्देश्य केवल अंक प्राप्त करना ही है। नैतिक शिक्षा के कारण ही समाज में परोपकार की भावना, भाईचारे की भावना, आपसी सद्भावना, सहृदयता, उदारता, प्रेम, दया, ममता, समता, त्याग, इन्सानियत आदि भावनाएँ जागृत होंगे। इसलिए विद्यार्थी जीवन में ही हर विद्यार्थी नैतिक शिक्षा को अपनाना चाहिए। सरकार को भी पाठशालाओं में नैतिक शिक्षा की प्रधानता देनी चाहिए। नैतिक शिक्षा से संबंधित पाठ्य प्रणाली बनानी चाहिए। हर सप्ताह में एक कालांश देकर नीति कहानियाँ और अनेक नैतिक विषयों को बनाना चाहिए। जिनसे विद्यार्थी उन्हें ग्रहण करके निज जीवन में भी नैतिक मूल्यों का पालन करेंगे। माँ – बाप की सेवा करेंगे। अतिथियों और गुरुजनों का आदर करेंगे। |
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