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निबंध लेखन :यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो …..

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प्रस्तावना :
प्रधानमंत्री का पद एक साधारण पद नहीं है। यह देश का शासन चलाने का प्रधान और मुख्य पद है। लोकसभा में बहुमत प्राप्त पार्टी का नेता हमारे देश का प्रधानमंत्री बनता है।

उद्देश्य :
यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो उस पद के द्वारा देश और समाज का काया पलट देना चाहूँगा। मेरे सामने कई सपने हैं। उनके लिए एक प्रणाली तैयार करके, उसके अनुसार काम करते हुए, समाज में उन्नति लाऊँगा। विषय : आज हमारे देश में भाषा भेद, जाति भेद, वर्ग भेद, प्रान्त भेद आदि फैल रहे हैं। पहले इनको दूर करके सबके दिलों में “भारत एक है” – इस भावना को जगाने की कोशिश करूँगा। देश को आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से आगे ले जाने की कोशिश करूँगा।

किसानों को साक्षर बनाऊँगा। उन्हें सस्ते दामों में बीज, उपकरण आदि पहुँचाऊँगा। सहकारी समितियाँ बनाकर, उनसे कम सूद में ऋण प्राप्त करने की व्यवस्था करूँगा। अनेक मिल, कारखानों का निर्माण करके, जो बेरोज़गारी हैं, उसे दूर करने का प्रयत्न करूँगा।

स्कूलों, कॉलेजों और विश्व विद्यालयों की संख्या बढ़ाकर, देश के सब लडके – लडकियों को साक्षर बनाऊँगा। गाँवों को जोड़ने के लिए पक्की सडकें बनाऊँगा। गाँव की उन्नति के लिए आवश्यक योजनाएँ बनाकर, उनको अमल करूँगा। गाँवों की उन्नति में ही देश की उन्नति निर्भर है।

नदियों पर बाँध बनाकर, उनका पानी पूरी तरह उपयोग में लाऊँगा। समाज में जो भेद भाव हैं, उनको दूर करूँगा। आसपास के देशों से मित्रता भाव बढाऊँगा। विश्व के प्रमुख देशों की कतार में भारत को भी बिठाने की कोशिश करूँगा। मैं अपने तन, मन, धन से देश को प्रगति के पथ पर ले जाने की कोशिश करूँगा, लोगों ने मुझ पर जो ज़िम्मेदारी रखी है, उसको सुचारू रूप से निभाऊँगा। उपसंहार : प्रधानमंत्री बनना सामान्य विषय नहीं है, अगर मैं प्रधानमंत्री बना तो ये सभी कार्य करूँगा।



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