InterviewSolution
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नीचे दिए गए उद्धरणों को ध्यानपूर्वक पढ़िए और दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-किसी भी देश या क्षेत्र के आर्थिक, धार्मिक तथा सामाजिक विकास में वहां की जलवायु का गहरा प्रभाव होता है। उस क्षेत्र की आर्थिक प्रगति का अनुमान वहाँ की कृषि, उद्योग, खनिज-सम्पदा के विकास से लगाया जा सकता है। भारतीय जीवन लगभग पूरी तरह से कृषि पर आधारित है। जिसके विकास में मानसूनी वर्षा ने एक प्रमुख एवम् सुदृढ़ आधार प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। मानसून को देश का केंद्रीय ध्रुव (Pivotal Point) माना जाता है। इस पर कृषि के अलावा समूचा आर्थिक ढाँचा निर्भर करता है। मानसूनी वर्षा जब समय से तथा उचित मात्रा में होती है तो कृषि उत्पादन बढ़ जाता है तथा चारों तरफ हरियाली व खुशहाली होती है। परन्तु इसकी असफलता के परिणामस्वरूप फसलें सूख जाती हैं। देश में सूखा पड़ जाता है तथा अनाज के भंडारों में कमी आ जाती है।(a) भारत में मानसूनी वर्षा की (कोई तीन) महत्त्वपूर्ण विशेषताएं बताइए।(b) भारतीय अर्थव्यवस्था (बजट) को मानसून पवनों का जुआ क्यों कहा जाता है ? |
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Answer» (a) भारत में मानसूनी वर्षा मुख्यतः जुलाई से सितम्बर के महीनों में होती है। देश में इसका विस्तार दक्षिणपश्चिमी मानसून पवनों के विस्तार के साथ होता है। मानसूनी वर्षा की तीन महत्त्वपूर्ण विशेषताएं निम्नलिखित हैं —
(b) “भारतीय अर्थव्यवस्था मानसून पवनों का जुआ है”- यह वक्तव्य इस बात को प्रकट करता है कि भारत की अर्थव्यवस्था की उन्नति या अवनति इस बात पर निर्भर करती है कि किसी वर्ष वर्षा का समय, वितरण तथा मात्रा कितनी उपयुक्त है। यदि वर्षा समय पर आती है और उसका वितरण और मात्रा भी उपयुक्त है, तो कृषि की अच्छी फसल की आशा की जा सकती है। उदाहरण के लिए अच्छी मानसून के कारण फसलें अच्छी होती हैं, तो तीन बातें घटित होती हैं।
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