 
                 
                InterviewSolution
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    				| 1. | नीचे दिए गये कथनों को ध्यान से पढ़िये और कारण बताते हुए व उदाहरण देते हुए बताइए कि वे सत्य हैं या असत्य। एकविमीय गति में किसी कण की (i) किसी क्षण चाल शून्य होने पर भी उसका तवरण अशून्य हो सकता है। (ii) चाल शून्य होने पर भी उसका वेग अशून्य हो सकता है। (iii) चाल स्थिर हो, तो त्वरण अवयय ही शून्य होना चाहिए। (iv) चाल अवश्य ही बढ़ती रहेगी, यदि उसका त्वरण धनात्मक हो। | 
| Answer» (i) सत्य, यदि किसी वस्तु को ऊर्ध्वाधर ऊपर की ओर फेंका जाता है, तो अधिकतम ऊंचाई के बिंदु पर इसकी चाल शून्य हो जाती है, परंतु गुरूत्व के कारण उसका त्वरण, गुरूत्वीय त्वरण के बराबर ऊर्ध्वाधर नीचे की ओर होता है। (ii) असत्य, क्योंकि वेग को किसी निश्चित दिशा में चाल के रूप में परिभाषित करते हैं। यदि चाल शून्य है तो वेग का परिमाण शून्य होगा, अतः वेग भी शून्य होगा। (iii) सत्य, यदि एक कण एक सरल रेखा में नियत चाल से गति कर रहा है तब उसका वेग भी नियत होगा जिसके परिणामस्वरूप उसका त्वरण शून्य होगा। (iv) असत्य, यदि ऊर्ध्वाधर पीचे की ओर धनात्मक दिशा ले तब ऊर्ध्वाधर, ऊपर की ओर फेंकी गई गेंद की चाल निरन्तर कम हेाती जाती है जबकि उस पर कार्यरत त्वरण धनात्मक है। सत्य, यदि एक गेंद स्वतंत्रतापूर्वक गुरूत्व के अन्तर्गत नीचे गिर रही है तब त्वरण धनात्मक है तथा गेंद की चाल भी निरंतर बढ़ रही है। | |