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निजीकरण (Privatisation) का अर्थ और इसके लाभ व दोष बताइए ।

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सार्वजनिक साहसों की मालिकी और संचालन पर का नियंत्रण निजी क्षेत्र की इकाईयों अथवा कम्पनी को सौंपना अर्थात् कि । सार्वजनिक साहसों का संचालन और मालिकी निजी इकाईयों को सौंपने की प्रक्रिया अर्थात् निजीकरण ।

लाभ : निजीकरण के लाभ अर्थात् निजीकरण के सकारात्मक प्रभाव निम्नलिखित हैं :

  1. कार्यक्षमता में वृद्धि होती है ।
  2. राजनैतिक दखलगीरी का अभाव देखने को मिलता है ।
  3. गुणवत्तायुक्त वस्तु अथवा सेवा का लाभ प्राप्त करना ।
  4. व्यवस्थित बाजार संचालन (Marketing)
  5. अत्याधुनिक नई टेक्नोलोजी का उपयोग किया जाता है ।
  6. दायित्व के मापदण्डों की स्थापना और उनका अमल होता है ।
  7. स्पर्धा के वातावरण का निर्माण होता है ।
  8. ढाँचागत सुविधाओं का सृजन होता है ।
  9. उत्पादन के विविध साधनों का महत्तम उपयोग होता है ।
  10. नये-नये संशोधन का लाभ प्राप्त करना ।
  11. सृजनात्मक तथा नवीनता का लाभ कमाना ।

दोष अथवा निजीकरण के नकारात्मक प्रभाव : निजीकरण के दोष/नकारात्मक प्रभाव निम्न होते है :

  1. निजीकरण की व्यवस्था अपनाने से कर्मचारियों का शोषण होता है ।
  2. इस प्रकार की व्यवस्था में ग्राहकों का शोषण होता है ।
  3. इनमें उच्च संचालकों द्वारा अधिकार का दुरुपयोग दृष्टिगत होता है ।
  4. निजीकरण से आय औस सम्पत्ति का असमान वितरण का दोष देखने को मिलता है ।
  5. इनमें लाभ को अधिक प्राथमिकता दी जाती है ।
  6. इनमें कर्मचारियों की नौकरी की सुरक्षा का अभाव दिखाई देता है ।
  7. निजीकरण अपनाने से इकाइयाँ भेदभाव पूर्ण नीति भी अपनाती है ।


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