1.

निम्न चित्र में AB , `10 Omega` प्रतिरोध का 1 मीटर लम्बा , समरूप तार है । शेष आँकड़े चित्र में प्रदर्शित है । ज्ञात कीजिये : (i) तार AB की विभव - प्रवणता तथा (ii) अविक्षेप स्थिति में तार AO की लम्बाई ।

Answer» (i) प्राथमिक परिपथ का कुल प्रतिरोध `10 Omega + 15 Omega = 25 Omega` है तथा विधुत वाहक बल 2 वोल्ट है । अतः तार AB में वैधुत धारा
` I = (2"वोल्ट ")/(25"ओम ") = 0.08` ऐम्पियर |
तार AB के सिरों के बीच विभवांतर = धारा `xx` तार का प्रतिरोध
` = 0.08` ऐम्पियर `xx 10` ओम
= 0.8 वोल्ट |
`:. "विभव - प्रवणता K " = ("विभवांतर (V )")/("लम्बाई (l )") `
` = (0.8"वोल्ट ")/(1.0"मीटर ") = 0.8` वोल्ट / मीटर |
(ii) द्वितीयक परिपथ का प्रतिरोध ` R = 1.2 Omega + 0.3 Omega = 1.5 Omega` है तथा विधुत वाहक बल `E = 1.5` वोल्ट है । अतः परिपथ में वैधुत धारा
` i = E/R = (1.5"वोल्ट ")/(1.5"ओम ") = 1.0 `ऐम्पियर |
`0.3 Omega ` प्रतिरोध में यही धारा है । अतः `0.3 Omega` के सिरों के बीच विभवांतर = धारा `xx`प्रतिरोध ` = 1.0 xx 0.3 = 0.3` वोल्ट । अविक्षेप स्थिति में बिन्दुओ A व O के बीच यही विभवांतर `0.3` वोल्ट होगा ।
अब विभवांतर = विभव - प्रवणता `xx` तार AO के लम्बाई
`:. ` AO की लम्बाई` = ("विभवान्तर") / ("विभव - प्रवणता ") = = (0.3"वोल्ट ")/(0.8 "वोल्ट //मीटर ")`
= 0.375 मीटर
= 37.5 सेमी |


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