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निम्न के एक-एक कार्य लिखिये1. कोशिका भित्ति2. केन्द्रक3. अंतर्द्रव्यी जालिका4.गाल्गी उपकरण5. लाइसोसोम​

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1) जीवाणु एवं वनस्पति कोशिकाओं में कोशिका झिल्ली के बाहर निर्जीव, पारगम्य तथा मोटी दीवाल पायी जाती है उसे कोशिका भित्ति कहते हैं। वनस्पति कोशिका में यह कोशिका झिल्ली के बाहर किन्तु जीवाणु में स्लाइम पर्त के नीचे रहती है। कुछ निम्न श्रेणी के एक कोशिकीय पौधे, वनस्पति की जनन कोशिका एवं प्राणी कोशिका में कोशिका भित्ति नहीं होती। कोशिका भित्ति का निर्माण सेलूलोज, पेक्टोज तथा अन्य निर्जीव पदार्थों द्वारा होता है। कोशिका भित्ति में दो परतें होती हैं जिनके मध्य लमेला नामक दीवाल होती है। कोशिका भित्ति का मुख्य कार्य कोशिका को आकृति प्रदान करना एवं प्रोटोप्लाज्म की रक्षा करना है।

2)कोशिका विज्ञान में केन्द्रक (लातीनी व अंग्रेज़ी: nucleus, न्यूक्लियस) वनस्पतियों, प्राणियों और सुकेन्द्रिक जीवों की अधिकांश कोशिकाओं में एक झिल्ली द्वारा बंद एक भाग (या कोशिकांग) होता है। सुकेन्द्रिक जीवों की हर कोशिका में अधिकतर एक केन्द्रक होता है, लेकिन स्तनधारियों की लाल रक्त कोशिकाओं में कोई केन्द्रक नहीं होता और ओस्टियोक्लास्ट कोशिकाओं में कई केन्द्रक होते हैं।[1] प्राणियों के केन्द्रकों का व्यास लगभग ६ माइक्रोमीटर होता है और यह उनकी कोशिकाओं का सबसे बड़ा कोशिकांग होता है।

3)(Endoplasmic reticulum) सुकेन्द्रिक कोशिकाओं में एक झिल्लीदार कोशिकांग है। इस की झिल्ली केन्द्रक की झिल्ली से निकलती है। अंग्रेज़ी में अन्तर्दविक जालिका को एॆन्डोप्लाज़मिक रॆटिकुलम कहा जाता है। कोशिका में इस के दो प्रकार होतें हैं। एक प्रकार (रफ़) पर राइबोसोम जुड़े होतें हैं जहां प्रोटीन संश्लेषण होता है और दूसरा प्रकार (स्मूद) राइबोसोम रहित होता है। अन्तर्द्रविक जालिका पर संश्लेषित किए प्रोटीन कोशिका के बाहर भेजने के लिए होते हैं।

4) कोशिका के कोशिकाद्रव्य में केन्द्रक के समीप कुछ थैलीनुमा कोशिकांग (ORGANELLE) पाए जाते हैं, इन्हें गॉल्जी काय या गॉल्जी बॉडी (GOLGI bodies) या गॉल्जी उपकरण (Golgi apparatus) कहते हैं। कामिल्लो गॉल्जी इटली का एक तंत्रिकावैज्ञानिक था, जिसने श्वेत उलूक (Barn OWL) की तंत्रकोशिकाओं में इसका पता लगाया, जो उसके नाम से ही विख्यात है।

5) जन्तु कोशिका के कोशिका द्रव में पाए जाने वाले आवरणयुक्त गोल-गोल थैलीनुमा अंगाणुओं को लयनकाय (लाइसोसोम) कहते हैं। यह अन्तः कोशिकाय पाचन में मदद करता है।[1]

एक आदर्श जन्तु कोशिका के कोशिकाद्रव्य में विभिन्न कोशिकांगो का चित्र - (1) केन्द्रिका (2) केंद्रक (3) राइबोसोम (छोटे विन्दु) (4) आशय (vesicle) (5) रूखड़ा आंतरद्रव्यजालिका (6) गॉल्जीकाय (जलकाय) (7) कोशिकापंजर (8) साफ़ आंतरद्रव्यजालिका (9) सूत्रकणिका (10) रसधानी (11) कोशिकाद्रव्य (12) लयनकाय (13) तारक केन्द्र (CENTRIOLE)

लाइसोसोम=> क्रिश्चियन डी डूवे ने सर्वप्रथम सन् 1955 में लाइसोसोम की खोज की। ये गोलाकार काय होते हैं, जिनके व्यास 0.4u-0.8u तक होता है। ये इकहरी युनिट मेम्ब्रेन से बने होते हैं तथा इनके अन्दर सघन मैट्रिक्स भरा रहता है, जिसमें ऐसिड फास्फेटेज एन्जाइम भरे रहते हैं।

1.न्यूक्लियेजेस - ये नाभिकीय अम्लों का नाइट्रोजनी क्षार , फास्फेट तथा शर्करा में जल - अपघटन करते हैं।

2. फास्फेटेजेस - ये फास्फेट यौगिकों का जल - अपघटन करते हैं।

3. प्रोटियेजेस - ये प्रोटीन्स का अमीनो का अम्लों में जल अपघटन करते हैं।

4. ग्लाइकोसाइडेजेस - ये जटिल कार्बोहाइड्रेट्स का मोनोसैकेराइड्स में जल अपघटन करते हैं।

5. सल्फेटेजेस - ये सल्फेट यौगिकों का जल अपघटन करते हैं।

6. लाइपेजेस - ये लिपिड अणुओं का ग्लिसरॉल तथा वसीय अम्लों में जल अपघटन करते हैं। 7.लाइसोसोम के फटने के साथ ही कोशिका विभाजन का प्रक्रम आरम्भ हो जाता है।



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