1.

निम्नांकित गद्यांशों में रेखांकित अंशों की सन्दर्भ सहित व्याख्या और तथ्यपरक प्रश्नों के उत्तर दीजिये-संसार में और-और अभाव तो अनेक हैं, पर निन्दकों की कोई कमी नहीं है। एक हुँदो हजार मिलते हैं। वे बोले, ‘पिंजरे की तो उन्नति हो रही है, पर तोते की खोज-खबर कोई लेने वाला नहीं है।” बात राजा के कानों में पड़ी। उन्होंने भानजे को बुलाया और कहा, “क्यों भानजे साहब, यह कैसी बात सुनायी पड़ रही है?” भानजे, ”महाराज अगर सचसच सुनना चाहते हों तो सुनारों को बुलाइए। निन्दकों को हलवे-माड़े में हिस्सा नहीं मिलता, इसलिए वे ऐसी ओछी बातें करते हैं।”(1) उपर्युक्त गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।(2) रेखांकित अंशों की व्याख्या कीजिए।(3) संसार में किसकी कमी नहीं है?(4) किसकी उन्नति हो रही है?(5) निन्दक निन्दा क्यों करते हैं?

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1.प्रस्तुत पंक्तियाँ रवीन्द्र नाथ टैगोर द्वारा लिखित ‘तोता’ नामक कहानी से उधृत हैं।

2.संसार में अनेक अभाव हैं। सामान्य लोग अभाव का ही जीवन व्यतीत करते हैं। किन्तु निन्दकों की संसार में कोई कमी नहीं है। आप जहाँ निगाह डालिए, निन्दक मौजूद रहेंगे।

3.संसार में निन्दकों की कमी नहीं है।

4.पिंजरे की उन्नति हो रही है।

5.किसी के लाभ में निन्दक को कुछ प्राप्त नहीं होता है। इसलिए वह निन्दा करता है।



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