InterviewSolution
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निम्नलिखित अभिक्रियाओं में ऑक्सीकारक और अपचयक की पहचान करो । साथ ही बताइये की ये किस प्रकृति की ऑक्सीकरण-अपचयन अभिक्रयाएँ है। (i) `MnO_(2)+4HCI to MnCI_(2)+2H_(2)O+CI_(2)` `(ii) 2FeCI_(3)+SnCI_(2) to 2FeCI_(2) to SnCI_(4)` (iii) `CI_(2) +2NaOH to NaCI+ NaCIO+ H_(2)O` (iv) `O_(3)+H_(2)I_(2) to H_(2) O+2O_(2)` (v) `CaOCI_(2)+CO_(2) to CaCO_(3)+CI_(2)` |
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Answer» दी हुई समीकरण में जिन परमाणुओं की ऑक्सीकरण संख्याएं परिवर्तित होती है उन्हें छाँटिए व ऑक्सीकरण संख्याएँ दर्शाते हुए आयनिक-समीकरण के रूप में लिखिये- `(i) Mn^(4+)+CI^(-) to Mn^(2+)+CI_(2)^(0)` सांगत ऑक्सीकारक-अपचायक युग्म `Mn^(4+)` व `Mn^(2+)` है, अतः अधिक ऑक्सीकरण संख्या रखने वाला `Mn^(4+)` (या `MnO_(2)`) ऑक्सीकारक है। साथ ही दूसरे सांगत ऑक्सीकारक-अपचायक युग्म में `CI^(-0)` व `CI^(0)` में कम ऑक्सीकरण संख्या रखे वाला `CI^(-)` है अतः `CI^(-)` ( या `HCI`) अपचायक है। यह अभिक्रिया अन्तराणु रेडॉक्स (intermolecular redox) अभिक्रिया है। इसी पक्रार अन्य खण्डों को भी हल करे। `underset(("ऑक्सीकारक"))(Fe^(3+))+underset(("अपचायक"))(Sn^(2+)to Fe^(2+)) +Sn^(4+)` यह भी अन्तराणुक रेडॉक्स अभिक्रिया है। (iii) `CI_(0)^(0) to CI^(-)+CI^(+)` यहां `CI_(2)` ही ऑक्सीकारक व अपचायक दोनों है तथा अतः स्वतः रेडॉक्स (auto redox or disproportionation ) और अभिक्रिया है। (iv) `O_(3)^(0)+O_(3)^(2-) to O^(2-) +2O_(2)^(0)` उपरोक्त अभिक्रिया में `O_(3)` व `H_(2)O_(2)` दोनों का ही पारस्परिक अपचयन (mutual reduction) होता है तथा दोनों ही अपचायक है। (v) `OCI^(-)+CI^(-) to CI_(2)^(0)` `CaOCI_(2)` ही अपचायक व ऑक्सीकारक है तथा यह अभिक्रिया स्वतः रेडॉक्स (auto redox) अभिक्रिया है। |
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