1.

निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए −तुम्हारे मानने ही से मेरा ईश्वरत्व कायम नहीं रहेगा, दया करके, मनुष्यत्व को मानो, पशु बनना छोड़ो और आदमी बनो !

Answer»

उत्तर :
इस पंक्ति का आशय निम्न प्रकार से हैं-

लेखक बेईमान धोखेबाज धर्माचार्यों तथा धार्मिक लोगों की अपेक्षा नास्तिकों को श्रेष्ठ मानता है जो अच्छे आचरण वाले हैं तथा दूसरों के सुख दुख में उनका साथ देते हैं । उन पाखंडियों से तो ईश्वर भी यही कहता है कि आप जैसे पाखंडियों के मानने से मेरा ईश्वरत्व दुनिया में कायम नहीं रह सकता। इसलिए तुम मुझ पर दया करो और मानवता को मानो।  तुम्हें पशु के जैसा आचरण छोड़कर मनुष्य बनना होगा तभी तुम्हें भी ईश्वर मिल सकेगा।

आशा है कि यह उत्तर अवश्य आपकी मदद करेगा।।।



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