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निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए।पर्वत कहता शीश उठाकर,तुम भी ऊँचे बन जाओ।सागर कहता है लहराकर,मन में गहराई लाओ।समझ रहे हो क्या कहती है,उठ – उठ गिर गिर तरल तरंग ।भर लो, भर लो अपने दिल में,मीठे – मीठे मृदुल उमंग ॥1. पर्वत क्या कहता है?2. मन में गहराई लाने की सीख किससे मिलती है?3. तरंग हमें कौनसी सीख देती है?4. ‘शीश’ शब्द का अर्थ क्या है?5. इस पद्यांश के कवि कौन हैं?

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  1. पर्वत शीश उठाकर ऊँचे बन जाने को कहते हैं।
  2. मन में गहराई लाने की सीख सागर से मिलती है।
  3. तरंग हमें दिल में मीठे – मीठे मृदुल उमंग भरने
  4. शीश = सिर
  5. इस पद्यांश के कवि हैं सोहनलाल द्विवेदी।


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