1.

निम्नलिखित पदयंश पढ़कर पूछे ठाम प्रश्नों के उत्तर लिखिर आयाम पाया मैंने बचपन फिर से, बचपन बेटी नव जीका आधा भी उसके साथ खेलती, खाती हूँ तपाही है। मिलकर उसके साथ स्वयं मैं भी बजी बन जाती हूँ उसकी मंजुल मूर्ति देखकर मुडा में में प्रश्न प्रस्तुत पदांशा में कवयित्री किव्य ठावस्याको बता रही है। 3 कवयित्री की बिटिया के विश्य रूप का वर्णन हया बेटी के साथ कवायत्री क्या-क्या करती है। कबचों को देकर वयस्कों की कौनसी सस्या लौट आती है जउपर्युक्त पदूधाश को उचित शीर्षक निखिकाए १​

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SORRY don't KNOW what you WANT



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