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निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए- (पृष्ठ संख्या 78)(क) अपने देस की सूखी रोटी भी परदेस के पकवानों से अच्छी होती है।(ख) इत्ते ढेर से नोट लगे हैं घर बणाने में। गाँठ में नहीं है पैसा, चले हाथी खरीदने।(ग) उसे एक घर चाहिए था- पक्की ईंटों का, जहाँ वह अपनी गृहस्थी और परिवार के सपने देखती थी।(घ) फिर तुम तो दिन-रात साथ काम करते हो.....मेरी खातिर पिटे.....फिर यह बामन म्हारे बीच कहाँ से आ गया....?(ङ) सपनों के काँच उसकी आँख में किरकिरा रहे थे।

Answer» निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए- (पृष्ठ संख्या 78)

(क) अपने देस की सूखी रोटी भी परदेस के पकवानों से अच्छी होती है।

(ख) इत्ते ढेर से नोट लगे हैं घर बणाने में। गाँठ में नहीं है पैसा, चले हाथी खरीदने।

(ग) उसे एक घर चाहिए था- पक्की ईंटों का, जहाँ वह अपनी गृहस्थी और परिवार के सपने देखती थी।

(घ) फिर तुम तो दिन-रात साथ काम करते हो.....मेरी खातिर पिटे.....फिर यह बामन म्हारे बीच कहाँ से आ गया....?

(ङ) सपनों के काँच उसकी आँख में किरकिरा रहे थे।


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