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निम्नलिखित पंक्तियों के भाव स्पष्ट कीजिए-बोल, आशा के विहंगम किस जगह पर तू छिपा था। |
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Answer» आशारूपी पक्षी, तू अब तक कहाँ छिपा था जो आकाश पर चढ़कर गर्व से बार-बार सीना तानता है। |
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