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निम्नलिखित पंक्तियों की व्याख्या कीजिए-(क) पिय सौं कहेहु सँदेसड़ा, ऐ भँवरा ऐ काग।सो धनि बिरहें जरि मुई, तेहिक धुआँ हम लाग।(ख) रकत ढरा माँसू गरा, हाड़ भए सब संख।धिन सारस होई ररि मुई, आइ समेटहु पंख।(ग) तुम्ह बिनु कंता धनि हरुई, तन तिनुवर भा डोल।तेहि पर बिरह जराई कै, चहै उड़ावा झोल।।(घ) यह तन जारौं छार कै, कहौं कि पवन उड़ाउ।मकु तेहि मारग होई परौं, कंत धरैं जहँ पाउ।।

Answer» निम्नलिखित पंक्तियों की व्याख्या कीजिए-



(क) पिय सौं कहेहु सँदेसड़ा, ऐ भँवरा ऐ काग।
सो धनि बिरहें जरि मुई, तेहिक धुआँ हम लाग।



(ख) रकत ढरा माँसू गरा, हाड़ भए सब संख।
धिन सारस होई ररि मुई, आइ समेटहु पंख।



(ग) तुम्ह बिनु कंता धनि हरुई, तन तिनुवर भा डोल।
तेहि पर बिरह जराई कै, चहै उड़ावा झोल।।



(घ) यह तन जारौं छार कै, कहौं कि पवन उड़ाउ।
मकु तेहि मारग होई परौं, कंत धरैं जहँ पाउ।।


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