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Answer» उत्तर : ‘धूल’ पाठ में लेखक धूल के द्वारा निम्न वर्ग के महत्व को बताया है । उनका मानना है कि धूल से सने व्यक्ति घृणा का पात्र नहीं होता बल्कि धूल तो परिश्रमी व्यक्ति का वस्त्र है। धूल से सना शिशु ‘धूलि भरा हीरा’ कहलाता है। धूल मे सना किसान- मजदूर सच्चा हीरा है, जो देश की उन्नति में मददगार है। आधुनिक सभ्यता में पले लोग धूल से नफरत करते हैं। वे यह नहीं जानते कि धूल अथवा मिट्टी ही जीवन का सार है। मिट्टी से यह सब चीजें पैदा होती है। इसलिए सती मिट्टी को सिर से, सिपाही आंखों से तथा आम व्यक्ति स्नेह से छूता है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
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