|
Answer» उत्तर : रामन् कोलकाता में सरकारी नौकरी करते थे तब भी उनकी वैज्ञानिक शोध कार्य में रुचि बनी हुई थी। वह अपने ऑफिस से लौटते हुए बहू बाजार में डॉ महेंद्र पाल द्वारा स्थापित ‘इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ साइंस’ की प्रयोगशाला में उपलब्ध उपकरणों की मदद से अपने शोध कार्य करते थे। उनका यह काम वास्तव में आधुनिक हठयोग का उदाहरण था जिसमें एक साधक अपने कार्यालय में कठिन परिश्रम करने के बाद बहू बाजार के साधारण सी प्रयोगशाला में काम चलाऊ उपकरणों की मदद से और अपनी प्रबल इच्छा शक्ति के बल पर भौतिक विज्ञान को समृद्ध बनाने की कोशिश करता था।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
|