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Answer» उत्तर: पुस्तकों के गत्तों पर, घर की दीवारों पर ,कीमती कपड़ों के लिए हम सब कीचड़ के जैसा रंग पसंद करते हैं। कला के जानकार भी मटमैला रंग पसंद करते हैं।
** काका कालेलकर द्वारा रचित ‘कीचड़ का काव्य’ एक ललित निबंध है। इस पाठ में लेखक ने कीचड़ की उपयोगिता पर प्रकाश डाला है। लेखक के अनुसार कीचड़ में भी सौंदर्य है उसका रंग बहुत सुंदर है। इस निबंध में लेखक ने कीचड़ की उपयोगिता का काव्यमय भाषा शैली में वर्णन किया है। इस निबंध में उन्होंने तत्सम और तद्भव शब्दावली का प्रयोग कर अपने विचारों को व्यक्त किया है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
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