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Answer» उत्तर : लेखिका ने नेपालियों को एवरेस्ट को सागरमाथा नाम से पुकारते हुए सुना तो उसे भी यह नाम अच्छा लगा क्योंकि एवरेस्ट की चोटी से चारों और हिम का सागर लहराता दिखाई देता है जिसमें चोटी उस सागर के माथे के समान चमकती रहती है। नेपाली लोगों की ‘सागरमाथा’ के प्रति अत्यंत श्रद्धा है।
** बछेंद्री पाल द्वारा रचित ‘एवरेस्ट विजय’ उनकी अपनी रोमांचक पर्वतारोहण यात्रा का संपूर्ण विवरण है। उन्होंने अपनी एवरेस्ट यात्रा का संपूर्ण विवरण स्वयं लिखा है। इसमें से कुछ भाग ‘एवरेस्ट मेरी शिखर यात्रा’ पाठ के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इसमें लेखिका के एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचकर तिरंगा झंडा फहराने का वर्णन किया गया है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
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