निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए −बादल किसकी तरह हो गए थे।
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उत्तर : बादल सफेद रंग की कपास की पूनी(धुनी हुई रुई की बत्ती के समान) के रंग के तरह हो गए थे।
** काका कालेलकर द्वारा रचित ‘कीचड़ का काव्य’ एक ललित निबंध है। इस पाठ में लेखक ने कीचड़ की उपयोगिता पर प्रकाश डाला है। लेखक के अनुसार कीचड़ में भी सौंदर्य है उसका रंग बहुत सुंदर है। इस निबंध में लेखक ने कीचड़ की उपयोगिता का काव्यमय भाषा शैली में वर्णन किया है।