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‘नव-निश्चयवाद’ की विचारधारा पर टिप्पणी लिखिए। अथवा ‘रुको और जाओ निश्चयवाद’ की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए।

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नव-निश्चयवाद-भूगोलवेत्ता ग्रिफिथ टेलर ने एक नई संकल्पना प्रस्तुत की जो दो विचारों ‘पर्यावरणीय निश्चयवाद’ और ‘सम्भववाद’ के मध्य मार्ग को दर्शाता है। उन्होंने उसे नव-निश्चयवाद अथवा रुको और जाओ निश्चयवाद का नाम दिया। विचारधारा के अनुसार न तो नितान्त आवश्यकता की स्थिति (पर्यावरणीय निश्चयवाद) है और न ही नितान्त स्वतन्त्रता (सम्भववाद) की स्थिति है। इसका अर्थ है कि प्राकृतिक नियमों की अनुपालना करके हम प्रकृति पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। मानव को प्रकृति के ‘रुको’ के संकेतों का प्रत्युत्तर देना होगा और जब प्रकृति रूपान्तरण की स्वीकृति दे तो वे अपने विकास के प्रयत्नों में आगे बढ़ सकता है। अभिप्राय यह है कि उन सीमाओं में, जो पर्यावरण को हानि न पहुँचाते हों, सम्भावनाओं को उत्पन्न किया जा सकता है।



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