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न्याय और नीति सब लक्ष्मी के ही खिलौने हैं, इन्हें वह जैसे चाहती हैं, नचाती हैं। |
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Answer» hi buddy here is your answer Explanation: न्याय और नीति सब लक्ष्मी के ही खिलौने हैं, इन्हें वह जैसे चाहती हैं वैसे ही नचाती हैं। लेटे ही लेटे गर्व से बोले—चलो हम आते हैं। यह कहकर |
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