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ऑक्सेलिक अम्ल में `KMnO_4` मिलाने पर उसका रंग पहले धीरे-धीरे विलुप्त होता है किन्तु बाद में तेजी से विलुप्त (गायब) होने लगता है क्यों ?

Answer» ऑक्सेलिक अम्ल में `KMnO_4` मिलाने पर ऑक्सेलिक अम्ल का ऑक्सीकरण होता है। इस अभिक्रिया में बनने वाला Mn आयन स्व-उत्प्रेरक का कार्य करता है जिससे अभिक्रिया तेजी से होने लगती है और `KMnO_4` का रंग तेजी से विलुप्त होने लगता है।
`2MnO_4^(-)+5C_2O_4^(2-)+16H^(+)to 2Mn^(2+)+10CO_2+8H_2O`


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