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पाठ के संदर्भ में शुद्ध आदर्श क्या है?

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पाठ के संदर्भ में शुद्ध आदर्श वे हैं, जिनमें व्यावहारिकता का कोई स्थान न हो। केवल शुद्ध आदर्शों को महत्त्व दिया जाए। शुद्ध सोने में ताँबे का मिश्रण व्यावहारिकता है, तो इसके विपरीत शुद्ध सोना शुद्ध आदर्श है।



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