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पाठ- पार नज़र केलेखक-जयंत विष्णु नार्लीकर1. छोटू का परिवार कहां रहता था?2. छोटू को सुरंग में जाने की इजाज़त क्यों नहीं थी?3. कंट्रोल रूम में जाकर छोटू ने क्या देखा और वहां उसने क्या हरकत की?4. इस कहानी के अनुसार मंगल ग्रह पर कभी आम जन-जीवन था। वह सबनष्ट कैसे हो गया?5. कहानी में अंतरिक्ष यान को किसने भेजा था और क्यों?6. नंबर एक, नंबर दो ,और नंबर तीन अजनबी से निबटने के कौन से तरीके सुझाते हैं और क्यों?

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ANSWER:

कहानी में अंतरिक्ष यान को किसने भेजा था और क्यों?

उत्तर:- कहानी में अंतरिक्ष यान को पृथ्वी से नेशनल एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने मंगल ग्रह की मिट्टी के विभिन्न नमूने इकट्ठा करने के लिए भेजा था, ताकि मंगल की मिट्टी का अध्ययन किया जा सके और वहां की जीव-सृष्टि के अस्तित्व का पता लगाया जा सके।

6. नंबर एक, नंबर दो और नंबर तीन अजनबी से निपटने के कौन से तरीके सुझाते हैं और क्यों?

उत्तर:- कॉलोनी की सुरक्षा के लिए जिम्मेवार नंबर एक ने कहा कि अंतरिक्ष यानों को जलाकर बेकार कर देना व्यर्थ होगा क्योंकि इससे उन्हें कोई जानकारी प्राप्त नहीं हो पाएगी। इसलिए इन्हें खुद ज़मीन पर उतरने देना चाहिए, तत्पश्चात उन्हें बेकार करना सही रहेगा। वही नंबर दो, जो कि एक वैज्ञानिक था, उसने कहा कि अंतरिक्ष यान को बेकार करने पर दूसरे ग्रह के लोगों को उनके अस्तित्व का पता चल जाएगा, इसलिए सिर्फ़ अवलोकन करते रहना ही ठीक रहेगा। सामाजिक व्यवस्था का काम देखने वाले नंबर तीन ने कहा कि अंतरिक्ष यान भेजने वालों से अपने अस्तित्व को छुपाए रखना ही बेहतर है, क्योंकि जो लोग अंतरिक्ष यान भेजने में सक्षम है, वे कल को कई गुना बड़े अंतरिक्ष यान भी भेज सकते हैं। इसलिए उन्हें ऐसा कोई प्रबंध करना चाहिए ताकि उन यत्रों को यह गलतफ़हमी हो जाए कि मंगल की ज़मीन पर कोई भी चीज़ महत्वपूर्ण नहीं है, जिसका वे लाभ उठा सकते हैं।



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