InterviewSolution
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Paragaph on chandrayaa 2 in hindi |
| Answer» TION:चंद्रयान-2 या द्वितीय चन्द्रयान, चंद्रयान-1 के बाद भारत का दूसरा चन्द्र अन्वेषण अभियान है, जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान संगठन (इसरो) ने विकसित किया है। इस अभियान में भारत में निर्मित एक चंद्र कक्षयान, एक रोवर एवं एक लैंडर शामिल हैं। इन सब का विकास इसरो द्वारा किया गया है।चन्द्रयान 1 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम के अंतर्गत चंद्रमा की तरफ कूच करने वाला भारत का पहला अंतरिक्ष यान था। हालाँकि इस यान का नाम मात्र चंद्रयान था, किन्तु इसी शृंखला में अगले यान का नाम चन्द्रयान-2 होने से इस अभियान को चंद्रयान-1 कहा जाने लगा। चंद्रयान 1 को 22 अक्टूबर 2008 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था और यह 30 अक्टूबर 2009 तक सक्रिय रहा। इसने स्वदेश में विकसित ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV-XL) रॉकेट का उपयोग किया। चंद्रयान 1 कल्पनासैट के नाम से एक भारतीय मौसम संबंधी उपग्रह पर आधारित था। इसे चन्द्रमा तक पहुँचने में 5 दिन लगे पर चन्द्रमा की कक्षा में स्थापित करने में 15 दिनों का समय लग गया।अंतरिक्ष यान ने सफलतापूर्वक 8 नवंबर 2008 को चंद्र की कक्षा में प्रवेश किया और उसके छह दिन बाद ही अपना चंद्रमा प्रभाव परीक्षण जारी किया। चंद्रयान का उद्देश्य चंद्रमा की सतह के विस्तृत नक्शे और पानी के अंश और हीलियम की तलाश करना था। इसका कार्यकाल लगभग २ साल का होना था, मगर नियंत्रण कक्ष से संपर्क टूटने के कारण इसे उससे पहले बंद कर दिया गया। चन्द्रयान के साथ भारत चाँद को यान भेजने वाला छठा देश बन गया था। इस उपक्रम से चन्द्रमा और मंगल ग्रह पर मानव-सहित विमान भेजने के लिये रास्ता खुला।चंद्रमा की सतह से सिर्फ 100 किलोमीटर ऊपर मंडराते हुए, चंद्रयान 1 ने चंद्रमा की स्थलाकृति के कई उच्च-रिज़ॉल्यूशन चित्र लिए। यह मिनरलोजिकल मैपिंग भी करता था और किसी भी रेडियोधर्मी तत्वों के लिए सतह को परिमार्जन करता था।मिशन की प्रमुख उपलब्धियों में से एक चंद्रमा की मिट्टी में मौजूद बड़ी संख्या में पानी के अणुओं की खोज थी। मिशन की लागत केवल $ 56 मिलियन थी और हमें चंद्रमा की सतह के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी।please MARK as brainliest | |