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Paragraph on love of nation in hindi |
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Answer» जिस देश में हम पैदा हुए हैं, जिसकी धूल में लोट-लोटकर हम बड़े हुए हैं, जिसका अन्न खाकर हम पले हैं, उसके प्रति हमारा प्रेम होना स्वाभाविक है । ”जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी ।” मनुष्य ही नहीं वरन् चर-अचर, पशु-पक्षी सभी अपनी मातृभूमि से प्यार करते हैं । ”ऊधौ मोहि ब्रज बिसरत नाहिं । Explanation: |
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