InterviewSolution
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`PCl_(5)` एक क्लोरोनीकारक की तरह व्यवहार करता हैं, क्यों ? |
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Answer» `PCI_(5)` अणु की ज्यामिति त्रिभुजीय द्वीपीरामिडीय होती है तथा इसके अक्षीय (Axial) स्थल पर जुड़े दो परमाणुओं की बंध लम्बाई अधिक तथा बंध ऊर्जा अन्य तीन त्रिकोणीय स्थल से जुड़े `CI` की अपेक्षा कम होती है। फलस्वरूप `PCI_(5)` अणु वियोजन पर `PC_I_(3)` तथा `CI_(2)` देता है तथा एक अच्छे क्लोरोनिकारक की तरह व्यवहार करता है । `PCI_(5) to PCI_(3)+CI_(2)` |
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