1.

पद्माकर के भाषा-सौंदर्य को प्रकट करनेवाले अन्य कवित्त, सवैये भी संकलित कीजिए।

Answer»

पद्माकर के भाषा-सौंदर्य को प्रकट करनेवाले अन्य कवित्त, सवैये निम्न प्रकार से है :  

चंचला चलाकैं चहूं ओरन तें चाहभरी ,

चरजि गई तीं फेरि चरजन लागीं री।

कहै पद्माकर लवंगन की लोनी लता,

लरजि गई तीं फेरि लरजन लागीं री।

कैसे धरौं धीर वीर त्रिविधि समीर तन,

तरजि गई तीं फेरि तरजन लागीं री।

घुमडि़ घुमडि़ घटा घन की घनेरी अबै,

गरजि गई तीं फेरि बरजन लागीं री।।

कुछ अतिरिक्त जानकारी :  

पद्माकर ने अपना सारा का ब्रज भाषा में रचा है जिसमें राम कारों की अधिकता है। इनकी भाषा अलंकारिक है। अनुप्रास ,यमक, श्लेष, उत्प्रेक्षा आदि इनके प्रिय अलंकार है। कहीं-कहीं फारसी शब्दावली का प्रयोग भी किया है।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।

इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न‌:  

होली के अवसर पर सारा गोकुल गाँव किस प्रकार रंगों के सागर में डूब जाता है? दूसरे छंद के आधार पर लिखिए।

brainly.in/question/15648685

अन्य कवियों की ऋतु संबंधी कविताओं का संग्रह कीजिए।

brainly.in/question/15648714



Discussion

No Comment Found

Related InterviewSolutions