1.

पद्माकर की काव्य-प्रतिभा का परिचय दीजिए।

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रीतिकाल के कवियों में पद्माकर की प्रतिभा अनुपम थी। आपने नौ पुस्तकों की रचना की थी। पद्माकर ब्रजभाषा में रचना करते थे। आपकी भाषा अनुप्रासमय तथा चित्रात्मक है, आपकी पदावली में मधुरता है। आपने कोमलकान्त पदावली का प्रयोग किया है। आपकी रचनाओं में श्रृंगार रस की प्रधानता है। ‘गंगा लहरी’ तथा ‘प्रबोध पचासा’ उनके अन्तिम समय की रचनाएँ हैं। वैराग्य तथा भक्तिभाव की प्रधानता है।



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