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फ्रांस और प्रशा के मध्य युद्ध का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कीजिए। |
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Answer» फ्रांस-प्रशा का युद्ध( 1870-71 ई०)-जर्मनी के एकीकरण का अन्तिम सोपान फ्रांस तथा प्रशा के मध्य युद्ध था। बिस्मार्क यह भली प्रकार समझ चुका था कि एक दिन प्रशो को फ्रांस के साथ अवश्य युद्ध करना पड़ेगा। इसीलिए उसने ऑस्ट्रिया के साथ उदारतापूर्ण व्यवहार किया था। फ्रांस की प्रतिनिधि सभा ने 19 जुलाई, 1870 ई० को प्रशा के विरुद्ध युद्ध की घोषणा कर दी। युद्ध के परिणाम – इस युद्ध के निम्नलिखित परिणाम हुए 1. इस युद्ध में फ्रांस की पराजय ने इटली के एकीकरण को पूर्ण कर दिया। 2. इस युद्ध के परिणामस्वरूप नेपोलियन तृतीय के साम्राज्य का पतन हो गया और फ्रांस में तृतीय गणतन्त्र की स्थापना हुई। 3. इस युद्ध का लाभ उठाकर रूस के जार ने काले सागर पर अपना प्रभुत्व स्थापित कर लिया। 4. प्रशा के नेतृत्व में जर्मनी का एकीकरण पूरा हो गया और जर्मन साम्राज्य का सम्राट कैसर विलियम प्रथम को बनाया गया। 5. जर्मन साम्राज्य के लिए एक नवीन संविधान का निर्माण किया गया, जिसमें दो सदनों वाली व्यवस्थापिका सभा की व्यवस्था की गई। इसका पहला सदन बुन्देसराट और दूसरा सदन ‘राईखस्टैग कहलाता था। इस युद्ध ने यूरोप की दीर्घकालीन क्रान्ति को भंग कर दिया और इसी युद्ध के कारण भविष्य में अनेक युद्धों की भूमिका तैयार हो गई। |
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