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Please solve the question given |
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Answer» KAVITA हिन्दी मेरी भाषा है, हिन्दी मेरी आशा है। हिन्दी का उत्थान करना, यही मेरी जिज्ञासा है। हिन्दी की बोली अनमोल, एक शब्द के कई विलोम। हिन्दी हिन्द हिमालय पर शोभित, हर्षित होते बोल के सोम। मीठी बोली अद्भुत बाणी संग, बढ़ती प्रेम पिपासा है। हिन्दी का उत्थान करना, यही मेरी जिज्ञासा है। हिन्दी में सब काम करेंगे, हिन्दी का ही नाम करेंगे। हिन्दी सत्य वचन की देवी, पथ-प्रदर्शक हम बनेंगे। जग-मग ज्योति जले हिन्दी की, यही कलम का ढांचा है। |
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