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प्र.क्र.५-आशय स्पष्ट कीजिए(०१)(क)भारतीय जीवन में सात्विक सरलता है ।हम उस वक्त तक भारतीय जीवन से मजदूरी नहकराते,जब तक परिस्थिति हमें विवश न करदेोदरिद्र से दरिद्र हिंदुस्तानी मजदूर की शिक्षाके उपकारों का कायल है।उसके मन में यह अभिलाषा होती है कि मेरा बच्चा चार अक्षरपढ़ जाए।इसलिए नहीं कि उसे कोई अधिकार मिलेगा बल्कि केवल इसलिए कि विद्यामानवीय शील का श्रृंगार है ।​

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