1.

प्र025 निम्नलिखित गद्याथ की सप्रसंग व्याख्या लिखिए-मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज से अलग उसके अस्तित्व की कल्पना भी नहीं की जा सकतीपरिचित तो बहुत होते है, पर मित्र बहुत कम होते है क्योंकि मैत्री एक ऐसा भाव के जिसमें प्रेम के साथ समर्पण औरत्याग की भावना मुख्य होती है। मैत्री मे सबसे आवश्यक है, परस्पर विश्वास मित्र ऐसा सखा, गुरू और माता है जोसबके स्थानो को पूर्ण करता है।प्रश्न:-1) उवर्यक्त गद्यांश का शीर्षक दीजिए।2) उपर्युक्त गद्यांश का सारांश लिखिए।3) मैत्री में कौन - कौन से भाव सम्मिलित है।4) मित्र किसकिस स्थान को पूर्ण करता है।​

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Answer:

1 ANS is dosti KA mehtv

3ans is prem vishwas

4 and is guru ,MATA ,pita



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